Category: Shayaris
तुम्हे देखा तो एक ख़याल आया लबों पर एक सवाल आया

तुम्हे देखा तो एक ख़याल आया लबों पर एक सवाल आया आख़िर कब तक साथ निभाओगे या फिर किसी रोज़ बिना कुछ कहे यूँही खामोश ज़िंदगी की राहों पर औरों की तरहा मुझे तन्हा कर जाओगे दगा देना तुम्हारी आदत है ज़िंदगी में तो फिर क्यूँ पास आने की इजाज़त माँगते हो तुम तो भूल गये थे नाम तक मेरा ज़िंदगी में तो फिर आज क्यूँ दिल…